पाठ - 2 क्या हमारे आस - पास के पदार्थ शुद्ध है CLASS 9TH CH 2

 


M.D.M PUBLIC SCHOOL JANI KHURD
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SESSION – 2020 – 2021
CLASS – 9th


SUBJECT – CHEMISTRY
SUBJECT  TEACHER - RAJ KUMAR SIR

पाठ - 2       क्या हमारे आस - पास के पदार्थ शुद्ध है 

MIXTURE

मिश्रण (MIXTURE):- जब दो या दो से अधिक पदार्थो को किसी भी अनुपात मे मिलाया जाता है एक तरह का मिश्रण बनता है | 



मिश्रण दो प्रकार का होता है - 

(I) समांगी मिश्रण :- (HOMOGENEOUS MIXTURE):- वे मिश्रण जिनमे सम्पूर्ण मिश्रण की परावस्था एक जैसी हो तो उस मिश्रण को समांगी मिश्रण कहते है | 

दूसरे शब्दों मे , ऐसे मिश्रण जिनमे विलय विलायक मे पूर्ण रूप से विलीन हो जाता हो और अलग अलग न देखा जा सकता हो | समांगी मिश्रण कहलाता है |  

जैसे :- चीनी व जल का शर्बत , नमक व जल का मिश्रण |








(2) विषमांगी मिश्रण  :- (HETROGENEOUSE MIXTURE):- वे मिश्रण जिनमे सम्पूर्ण विलयन की प्रावस्था एक जैसी न हो उस मिश्रण को विषमांगी मिश्रण कहते है | 

दूसरे शब्दों मे , वे मिश्रण जिनमे विलय और विलायक एक दूसरे मे पूर्ण रूप से विलीन न हो अलग अलग दिख रहे हो | ऐसे विलयन को विषमांगी विलयन कहते है | 

जैसे :- रेत व पानी का मिश्रण ,लोहे की छीलन व पानी का मिश्रण |











बर्गर के सभी अवयव अलग अलग दिखाई दे रहे है | 



गिलास मे सभी अवयव अलग अलग दिखयी दे रहे है | 




ऊपर दिए गए सभी उदाहरण विषमांगी मिश्रण के है | 

विलयन :- दो या दो से अधिक पदार्थो के समांगी मिश्रण को विलयन कहते है | 








जैसे :- शरबत,निम्बू पानी आदि | 
किसी भी विलयन के दो घटक होते है : (1) विलेय     (2) विलायक 



विलायक :- विलयन का वह घटक जो अपेक्षाकृत ज्यादा मात्रा मे हो और किसी पदार्थ को अपने अंदर घोलने की क्षमता रखता हो , विलायक कहलता है | 

जैसे :- जल ,ईथर आदि |

 

विलेय :- जो पदार्थ अपेक्षाकृत काम मात्रा मे होता है तो उसे विलय कहते है | 

जैसे :- नमक , चीनी आदि | 




विलायक + विलेय = विलयन 

सांद्रण के आधार पर विलयन का वर्गीकरण - 

(1) तनु विलयन :- वह विलयन जिसमे विलायक की मात्रा अधिक हो और विलेय की मात्रा कम हो तो ऐसे विलयन को तनु विलयन कहते है | 


(2) सांद्र विलयन :- वह विलयन जिसमे विलायक की मात्रा कम हो और विलय की मात्रा ज्यादा हो तो इस तरह के विलयन को सांद्र विलयन कहते है | 


(3) संतृप्त विलयन :- वह विलयन जिसमे निश्चित ताप पर और अधिक विलय न घोला जा सके उस विलयन को संतृप्त विलयन कहते है | 


(4) असंतृप्त विलयन :- वह विलयन जिसमे निश्चित ताप पर और अधिक विलय घोला जा सकता हो उसे असंतृप्त विलयन कहते है | 


विलयन की सांद्रता :-  किसी निश्चित ताप पर विलायक या विलयन की दी गयी मात्रा अथवा द्रव्यमान में उपस्थित विलेय की मात्रा , विलयन की सांद्रता कहलाती है | 


विलयन की सांद्रता = विलेय की मात्रा (द्रव्यमान)/विलयन की मात्रा *100 

नुमारिकाल के लिए हमारा ये वीडियो देखे - 


कोलाइडी अवस्था :- ( पुरानी धारणा ) जिन पदार्थो के जलीय विलयन चर्मपत्र झिल्ली से पार न आते हो उन पदार्थो की अवस्था को पदार्थो की कोलाइडी अवस्था कहते है | 

इस आधार पर पदार्थो को निम्न दो तरह से वर्गीकृत किया गया है - 

(1) क्रिस्टलाभ :- वे पदार्थ जिनके विलयन चर्मपत्र झिल्ली से सरलता से पार  हो जाती है , उन पदार्थो को किर्स्टलाभ कहते है | 

जैसे :- नमक चीनी यूरिया | 

(2) कोलॉइड :- वे पदार्थ जिनके जलीय विलयन चर्मपत्र झिल्ली से सरलता से पर हो जाते है , उन पदार्थो को कोलॉइड कहलाते है | 

जैसे :- गोंद , जिलेटिन ,ग्लू आदि | 

कोलॉइड की आधुनिक अवधारणा :- आधुनिक अवधारणा के अनुसार , कोलॉइड  कणो के आकर पर निर्भर करती है | 

कणो के आकर के आधार पर इन्हे निम्न प्रकार से बता गया है - 

(1) विलयन या वास्तविक विलयन :- वास्तविक विलयनों के कणो का आकर 10-7 – 10-9  सेमी होता है | 


(2) निलंबन :- यह एक विषमांगी है | इसमें परिक्षेपित कणो का आकर 10-3 सेमी और 10-4 सेमी या इससे अधिक होता है इन्हे नग्न आखो या सूक्षमदर्शी से देखा जा सकता है | ये अस्थायी होते है |

जैसे :- नदी का गन्दा जल , मृदा का जलीय विलयन , वायु मे धुआँ | 

(3) कोलॉइडी विलयन :- यह भी एक विषमांगी विलयन है | इसमें परिक्षेपित कणो का आकर 10-5 सेमी से 10-7 सेमी के बीच होता है | कणो को नग्न आँखों से नहीं देखा जा सकता | 

जैसे :- ग्लू , गोंद , रक्त , स्याही आदि | 


कोलॉइड विलयन की दो निम्न प्रावस्थाए होती है - 

(1) परिक्षिप्त प्रावस्था :- वह पदार्थ , जो कोलाइडी कणो के रूप मे परिक्षिप्त रहता है वह उसकी  परिक्षिप्त प्रावस्था कहलाता है | जैसे - विलेय 


(2) परिक्षेपण माध्यम :वह प्रावस्था जिसमे अन्य पदार्थ के कण परिक्षिप्त रहते है परिक्षेपण माध्यम कहलाती है , जैसे - विलायक 




 धातु और अधातु 

प्रस्तावना :- जैसे की आप सभी लोग जानते है कि आपके चारो तरफ बहुत से तत्व विराजमान है जिनमे से कुछ में अलग अलग गुण है जिनको उनके गुण के आधार पर तीन प्रकार से बाँटा गया है धातु , अधातु और उपधातु | 

धातु (METAL) :- वे सभी तत्व जिनमे उष्मा व विद्युत धाारा आसानी से प्रवाहित हो जाती हो  वे सभी तत्व धातु कहलाते है | 

जैसे :- सोना,चाँदी,कॉपर,निकिल,कोबाल्ट , आदि | 





धातुओं के भौतिक गुण :-
  •  धातुओं में विद्युत धारा व ऊष्मा  आसानी से प्रवाहित  जाती है | 
  • धातुओं मे अपनी चमक होती है ,जिसे धात्विक चमक कहते है | 
  • धातुए कठोर होती है | ( सोडियम व पौटेशियम को छोड़कर )
  • धातुए ठोस होती है | ( पारे को छोड़कर )
  • धातुओं मे तन्यता का गुण पाया जाता है | इनसे लम्बा तार खींचा जा सकता है | 
  • धातुए आघातवर्धनीय होती है | 
  • धातुओं को पीटने पर एक प्रकार की ध्वनि उत्पन्न होती है | 
  • धातुओं के गलनांक व क्वथनांक उच्च होते है | 
  • धातुए अपारदर्शी होती है | 
 धातुओं के रासायनिक गुण :-  

  • धातुओं की ऑक्सीजन से अभिक्रिया :- धातुए ऑक्सीजन से क्रिया करके धातु ऑक्साइड बनती है | 

धातु    +  ऑक्सीजन    →    धातु ऑक्साइड 

2Mg     +    O2       →    2MgO

  • धातुओं की अम्लों से क्रिया : अम्ल सक्रिय धातुओं से क्रिया करके लवण व हाइड्रोजन गैस मुक्त करते है |



    धातु  +  अम्ल     →     लवण  +  हाइड्रोजन गैस 

    2Na   +   2HCl    →         2NaCl    +    H2

  • धातुओं की हाइड्रोजन से क्रिया :- सामान्यत: धातुए हाइड्रोजन से क्रिया नहीं करती पर कुछ धातुए जो सक्रिय है हाइड्रेट बनती है | 


2Na  +  H →   2NaH

  • धातुओं की जल से क्रिया :- धातुओं की क्रियाशीलता के अनुसार जल से भिन्न - भिन्न तरह की क्रियाएँ दर्शाती है | 

जैसे : - कुछ क्रियाशील (Na,K) धातुएँ जल से क्रिया करके धातु ऑक्साइड व हाइड्रोजन गैस बनती है |
 
2Na  +  2H2O    →    2NaOH  +  H2

  • क्लोरीन से क्रिया :- धातुए क्लोरीन से क्रिया करके धातु क्लोराइड बनाते है | 
धातु   +  क्लोरीन  →  धातु क्लोराइड 


2Na  +  Cl  ➡️  2NaCl  


अधातुएँ (NON-METAL) :- वे पदार्थ (तत्व) जिनमे विद्युत धारा  व ऊष्मा आसानी से प्रवाहित न होती हो उन्हें अधातु कहते है | 

जैसे :- सल्फर ,ऑक्सीजन ,नाइट्रोजन आदि | 







अधातुओ के गुण - 

  • अधातुओ मे अपनी कोई चमक होती | 
  • अधातुओ मे विद्युत व ऊष्मा आसानी से प्रवाहित नहीं होती है |
  • अधातुए मुलायम होती है | (हिरे को छोड़कर)
  • अधातुए तन्य नहीं होती है | 
  • अधातुए आघातवर्धनीय नहीं होती | 
  • अधातुओ को पीटने पर ध्वनि उत्पन्न नहीं करती | 
  • अधातुओ के गलनांक और क्वथनांक उच्च होते है | 
अधातुओ की रासायनिक गुण  :- 

  • अधातुओ की ऑक्सीजन से क्रिया :-  अधातुएँ क्रिया करके ऑक्साइड निर्मित करती है | 
अधातु   +   ऑक्सीजन    →   अधातु ऑक्साइड (उदासीन /अम्लीय )


C  +  O2     →    CO2

  • अधातुओ की जल से क्रिया :- अधातुएँ जल से क्रिया नहीं करती | 

  • अधातुओ की अम्लों से क्रिया :- सामान्यत : अधातुएँ अम्लों से अभिक्रिया प्रदर्शित नहीं करती | 
  • अधातुओ की क्लोरीन से क्रिया :- अधातुएँ क्लोरीन से क्रिया करने पर क्लोराइड बनती है | 
अधातु   +   क्लोरीन    →  अधातु क्लोराइड 

P +  6Cl2   →  4PCl3
  • अधातुओ की हाइड्रोजन से क्रिया :- अधातुएँ हाइड्रोजन से क्रिया करने पर हाइड्राइड बनती है | 
अधातु   + हाइड्रोजन  →    अधातु हाइड्राइड 
N2  +  3H2  →    NH3


उपधातु :-  ऐसे तत्व जिनमे धातु एवं अधातु दोनों के रासायनिक गुणधर्म पाए जाते है उपधातु कहलाते है | 

दूसरे सब्दो मे , ऐसे तत्व जो भिन्न- भिन्न रासायनिक क्रियाओ में इलेक्ट्रान ग्रहण करने तथा त्यागने , दोनों की प्रवृति रखते है | 

जैसे :-एंटिमनी (Sb),आर्सेनिक (As) , सिलिकॉन (Si) , जर्मेनियम (Ge) आदि | 

मिश्रधातु :- दो या दो से अधिक धातुओं (एक धातु या एक अधातु ) को गलित अवस्था मे मिश्रित करने पर निर्मित समांगी मिश्रण को मिश्रधातु कहते है | मिश्रधातुए गलित धातुओं को उचित मात्रा मे मिलाकर ठण्डा करने पर प्राप्त होती है | 
जैसे :- पीतल , काँसा आदि | 




भौतिक परिवर्तन (Physical changes) :- वे परिवर्तन जिनमे पदार्थो के भौतिक गुण जैसे - आकर, रंग , अवस्था , ताप आदि अस्थाई रूप से बदल जाते है परन्तु उनके भार और संघटन मे कोई परिवर्तन नहीं आता और न कोई नया पदार्थ बनता , भौतिक परिवर्तन कहलाते है | 



जैसे :- पदार्थो का गलना , जमना ,द्रवण, आसवन , मोम का पिंघलना | 










रासायनिक परिवर्तन (Chemical changes) :- वे परिवर्तन जिनमे पदार्थ सदैव के लिए बदलकर नए पदार्थो मे बदल जाते है तथा नए पदार्थो का भार , संघटन ,भौतिक व रसायनिक गुण मूल पदार्थो से सदा अलग रहते हो, रसायनिक परिवर्तन कहलाते है | 


जैसे :- मोम बत्ती का जलना , कागज का जलना , कार्बन डाई ऑक्साइड का बनना, जंग का लगना  आदि | 








ऊपर दिए गए सभी इमेज मे कुछ रासायनिक  परिवर्तन है और कुछ भौतिक परिवर्तन हे |  




LESSON COMPLETE




CHEMISTRY FOR CLASS 9th 

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      PHYSICS FOR CLASS 9th
 

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पाठ - 11 कार्य तथा ऊर्जा (work and energy)                                  - CLICK HERE

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पाठ-2 अम्ल व क्षार ( ACID AND BASE )                                          -   CLICK HERE

पाठ - 3 धातु और अधातु                                                                       -   CLICK HERE

पाठ - 4 कार्बन व उसके यौगिक                                                             -   CLICK HERE




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